Wednesday 4 January 2012

Naari


 माँ के आँचल से नारी से पहली पहचान हुई ,
 दादी-नानी की कहानियों से जीवन की शुरुआत हुई


बहना की राखी ने दायित्वों का ज्ञान दिया,
मित्र रूप में पत्नी ने रिश्तों का नया सार दिया


बेटी ने हमको प्रेम का नया रूप दिखा दिया,
दिल में ख़ुशी आँखों को फिर भी नम करा दिया.


कुछ तो किस्मत होगी भी आपकी,
जो हर रूप में स्त्री ज़िन्दगी में आये आपकी.


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देवश्री



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